राज्यसभा के बाद लोकसभा ने भी संसद निरर्हता निवारण बिल पर मुहर लगा दी है।
2.
सांसदों और विधायकों को अयोग्य होने से बचाने के लिए पेश किए गए संसद निरर्हता निवारण संशोधन विधेयक तो बिना किसी चर्चा के ही दो मिनट के अंदर पारित हो गया।
3.
क्या उस पद को धारण करने वाले व्यक्ति को संसद (निरर्हता निवारण) अधिनियम, 1959 की धारा 29 (क) में परिभाषित ‘ प्रतिपूरक भत्ता ' के अतिरिक्त कोई पारिश्रमिक दिया जाता है ;
4.
अपनी पार्टी के नेताओं पर आए इस अप्रत्याशित संकट को टालने के लिए समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के विधानमंडल के दोनों सदनों द्वारा उत्तर प्रदेश विधायिका (निरर्हता निवारण) संशोधन विधेयक, 2006 को जनवरी, 2003 से प्रभावी बनाते हुए पारित करा लिया है।
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संसद (निरर्हता निवारण) अधिनियम, 1959 के अनुसार यदि किसी सांविधिक या गैर-सांविधिक निकाय अथवा कंपनी में सदस्य अथवा निदेशक के तौर पर कार्यरत व्यक्ति प्रतिपूरक भत्ते के अलावा किसी अन्य पारिश्रमिक का हक़दार नहीं है तो वह संसद सदस्य बनने के अयोग्य नहीं माना जाएगा।